Uttarakhand

करोड़ों की धोखाधड़ी का भंडाफोड़ करते हुए, 4 शातिर किया गिरफ्तार

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Spread the loveप्रयाग भारत, रुद्रपुर : ऊधम सिंह नगर पुलिस ने एक बड़े साइबर धोखाधड़ी रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए चार शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह संगठित तरीके से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी को अंजाम दे रहा […]

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प्रयाग भारत, रुद्रपुर : ऊधम सिंह नगर पुलिस ने एक बड़े साइबर धोखाधड़ी रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए चार शातिर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह संगठित तरीके से करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी को अंजाम दे रहा था। इस कार्रवाई के तहत अब तक कुल छह आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि चार अन्य फरार चल रहे हैं जिनकी तलाश में पुलिस टीमें लगातार दबिश दे रही हैं।

मामला 29 मई 2025 को तब सामने आया, जब हरबंस लाल नाम के व्यक्ति ने रुद्रपुर के भारतीय स्टेट बैंक की किच्छा रोड शाखा में अपने खाते से ₹49,999.99 की धोखाधड़ी कर निकाले जाने की शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के आधार पर थाना रुद्रपुर में अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

इस गंभीर धोखाधड़ी को देखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक ऊधमसिंहनगर और पुलिस अधीक्षक अपराध ने तत्काल एक पुलिस टीम का गठन किया और त्वरित अनावरण के निर्देश दिए। पुलिस टीम ने साइबर सेल और सर्विलांस की मदद से जांच शुरू की। विवेचना के दौरान पता चला कि हरबंस लाल के खाते से निकाले गए पैसे IDBI बैंक के खाताधारक मनोज सैनी के खाते में UPI के माध्यम से जमा हुए थे।

सर्विलांस की मदद से पुलिस ने काशीपुर निवासी मनोज सैनी और अजय सैनी को 30 मई को गिरफ्तार किया। पूछताछ में मनोज सैनी ने बताया कि उसने अपना IDBI बैंक खाता, ATM कार्ड, सिम कार्ड और चेक बुक अजय सैनी के माध्यम से पुष्पेन्द्र उर्फ पोरस कुमार और सत्यपाल को दिए थे। इन खातों से ₹3 करोड़ से अधिक का लेनदेन हुआ था, जिसके कमीशन के तौर पर सत्यपाल ने मनोज सैनी को ₹70,000 पंजाब एंड सिंध बैंक के खाते में भेजे थे। फरार चल रहे पुष्पेन्द्र और सत्यपाल की तलाश में पुलिस टीमें लगातार जुटी हुई थीं। आज 5 जून को मुखबिर की सूचना पर मुरादाबाद निवासी सत्यपाल सिंह और पोरस कुमार उर्फ पुष्पेन्द्र को रामपुर रोड फ्लाईओवर के पास से सुबह 10:50 बजे हिरासत में लिया गया।

पूछताछ में सत्यपाल और पोरस ने खुलासा किया कि वे अपने साथियों विशुराज मौर्या, रोहित कुमार और रितिक सोलंकी के साथ मिलकर लोगों के करेंट अकाउंट को किराए पर लेते थे। इन खातों का उपयोग ऑनलाइन गेमिंग और साइबर ठगी के पैसे प्राप्त करने के लिए किया जाता था। उन्होंने यह भी बताया कि मनोज सैनी का खाता और उससे संबंधित दस्तावेज उन्होंने विशुराज मौर्या, रोहित कुमार और रितिक सोलंकी को दिए थे। सत्यपाल ने बताया कि उसने अपना IDBI और केनरा बैंक का खाता किराए पर चलवाया था, जिसके लिए उसे ₹90,000 का कमीशन मिला था।
सत्यपाल सिंह की निशानदेही पर आज ही महतोष मोड़ के पास, काशीपुर रोड से रितिक पुत्र राकेश सोलंकी निवासी आगरा और विशुराज मौर्या उर्फ व्योम मौर्या निवासी बिजनौर को गिरफ्तार किया गया।

इनके कब्जे से 06 मोबाइल फोन, 12 ATM कार्ड, 13 चेक बुक, 21 भरे हुए चेक, 04 पासबुक, 02 QR स्कैनर, 01 एयरटेल डोंगल, 01 डायरी, आधार कार्ड और पैन कार्ड बरामद हुए। पूछताछ में इन अभियुक्तों ने बताया कि सत्यपाल और पोरस से मिले मनोज सैनी के खाते और संबंधित दस्तावेज उन्होंने बसंत, रोहित सोनी और शेरु चौहान को दिए थे। उन्होंने यह भी बताया कि वे अपने साथियों बसंत निवासी आगरा, रोहित सोनी और शेरु चौहान (दोनों निवासी ग्वालियर) के साथ मिलकर इस प्रकार की साइबर ठगी को अंजाम देते थे। गिरफ्तार अभियुक्तों ने बताया कि उन्हें प्रत्येक खाते के लिए खाताधारकों का कमीशन देकर लगभग ₹80,000 मिलते थे।

अभियुक्तों द्वारा अपने साथियों के साथ मिलकर संगठित साइबर अपराध को अंजाम दिया गया है, जिसके आधार पर अभियोग में धारा 3(5), 111 BNS की बढ़ोतरी की गई है। फरार अभियुक्तों रोहित कुमार, बसंत, रोहित सोनी और शेरु चौहान की तलाश में विभिन्न राज्यों में दबिश दी जा रही है।

इस उत्कृष्ट कार्य और संगठित साइबर अपराध का भंडाफोड़ करने के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मणिकांत मिश्रा ने पूरी पुलिस टीम को 5,000 का नकद इनाम देने की घोषणा की है।

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