इंडिगो के बिगड़े हालात तो सरकार ने दी नियमों में छूट
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प्रयाग भारत, नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी एयरलाइन IndiGo फिलहाल अपने सबसे बड़े ऑपरेशनल संकट का सामना कर रही है. स्टाफ संकट के कारण हजारों यात्री फंसे हुए हैं और एक ही दिन में 500 से ज्यादा उड़ानें रद्द हो चुकी हैं. इस स्थिति के बीच DGCA ने पायलट ड्यूटी नियमों में राहत देते हुए पुराने निर्देश तुरंत प्रभाव से वापस लेने की घोषणा की है.
DGCA का आदेश और राहत का कारण
DGCA ने कहा कि पहले का आदेश “साप्ताहिक आराम के बदले कोई छुट्टी नहीं दी जा सकती” अब प्रभावहीन कर दिया गया है. नियामक ने बताया कि यह कदम एयरलाइनों से प्राप्त शिकायतों और संचालन में निरंतरता एवं स्थिरता बनाए रखने की जरूरत को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है. DGCA का यह आदेश एयरलाइनों को संचालन सामान्य करने और उड़ानों को जल्दी पटरी पर लाने में मदद करेगा.
उड़ानों के रद्द होने का असर और संसद में हलचल
IndiGo के लगभग 500 उड़ानों के रद्द होने के कारण संसद में भी चर्चा हुई. विपक्ष ने एयरलाइन पर “मोनोपोलिस्टिक प्रैक्टिसेज” और सरकार पर नियमों में ढील के आरोप लगाए. इसी बीच, दिल्ली एयरपोर्ट ने यात्रियों को सलाह दी कि 5 दिसंबर को आधी रात तक Delhi से उड़ने वाली सभी IndiGo घरेलू उड़ानें रद्द रहेंगी.
सरकार और मंत्री का हस्तक्षेप नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने IndiGo के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की. मंत्री ने एयरलाइन की तैयारियों और संकट प्रबंधन पर असंतोष जताया. उन्होंने स्पष्ट किया कि पर्याप्त समय उपलब्ध होने के बावजूद एयरलाइन ने हालात संभालने में उचित कदम नहीं उठाए.
