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बांग्लादेश के ढाका में माइलस्टोन स्कूल पर लड़ाकू विमान क्रैश होने से मरने वालों की संख्या 27 तक पहुंची

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Spread the loveप्रयाग भारत, दिल्ली; बांग्लादेश के एक स्कूल पर सोमवार, 21 जुलाई को वायुसेना के प्रशिक्षण विमान के क्रैश होने की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 27 हो गई है. एक सरकारी अधिकारी ने मंगलवार को कहा […]

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प्रयाग भारत, दिल्ली; बांग्लादेश के एक स्कूल पर सोमवार, 21 जुलाई को वायुसेना के प्रशिक्षण विमान के क्रैश होने की घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 27 हो गई है. एक सरकारी अधिकारी ने मंगलवार को कहा कि राजधानी ढाका के इस स्कूल में एक बांग्लादेशी लड़ाकू विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने से मरने वालों की संख्या 20 से बढ़कर कम से कम 27 हो गई है.

अधिकांश मृतक स्कूली बच्चे हैं. जब सोमवार को चीन निर्मित F-7 BGI विमान के माइलस्टोन स्कूल और कॉलेज से टकराने से कुछ समय पहले ही बच्चों की छुट्टी हुई थी. लेकिन जब हादसा हुआ, अभी भी कई बच्चे क्लासों के अंदर ही मौजूद थे.

यह दुर्घटना दशकों में बांग्लादेश की सबसे घातक विमानन दुर्घटना है, इसमें 170 से अधिक लोग घायल भी हुए.

”साथी टीचर बचाने की गुहार लगाते गिर गए”: ढाका के टीचर के आंखों में कैद खौफनाक मंजर

जब पूर्णिमा दास सुबह सोकर उठी थीं तो उनके लिए सोमवार एक सामान्य दिन ही थी. पूर्णिमा ढाका के उत्तरा इलाके में माइलस्टोन स्कूल की शिक्षिका है और सोमवार की दोपहर वो एक क्लास खत्म करके टीचर्स रूम में लौटी ही थीं कि वह एक जोरदार धमाके से चौंक गईं. वह यह समझने के लिए बाहर निकलीं कि क्या हुआ था, लेकिन जब वो गलियारे में पहुंची तो एक भयानक दृश्य उनका इंतजार कर रहा था- बच्चे घबराहट में भाग रहे थे और उनके शरीर में आग लगी हुई थी.

स्कूल पर एक लड़ाकू क्रैश कर गया था, जिसमें बच्चों और पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट तौकीर इस्लाम सहित कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई है. मरने वालों में पूर्णिमा दास के कई साथी टीचर भी शामिल हैं.

मिसेज दास ने एक फेसबुक पोस्ट में याद करते हुए कहा, “तब तक, स्कूल बिल्डिंग के 80% बच्चे घर जा चुके थे. और फिर इमारत में एक भयानक शोर हुआ, इससे पहले कि मुझे पता चलता, मैंने छोटे बच्चों को भागते देखा. मैंने देखा कि उनके शरीर में आग लगी हुई थी.” उन्होंने कहा कि वह तुरंत वॉशरूम गई और कुछ बच्चों के घाव पर पानी डाला जो जल गए थे. उस समय तक, आग और दहशत दोनों स्कूल के बाकी हिस्सों में फैल चुकी थी. इस बीच एक टीचर कमरे खाली करने के लिए चिल्लाने लगे.

“जब मैं कमरे से बाहर आई, तो मैंने बहुत आग देखी. पूरे गलियारे में आग लगी हुई थी. सिर्फ दो फीट की दूरी पर, मेरे एक कलीग (साथी टीचर) आग की चपेट में आ गए थे. वह मेरे पैरों पर गिर गए और बचाने की गुहार लगा रहे थे. उनका पूरा शरीर जल गया था. मैं पत्थर की तरह वहीं खड़ी रही. किसी ने मुझे खींच लिया और हमें बाहर निकाला गया.” मिसेज दास ने कहा.
उन्होंने कहा कि जब वह पांच मिनट बाद लौटीं तो उन्होंने बिल्डिंग में युवा छात्रों के जले हुए शव देखे हैं. सदमे में डूबी शिक्षिका ने कहा, “मुझे खरोंच क्यों नहीं आई, मुझे कुछ क्यों नहीं हुआ, मुझे नहीं पता. उन छोटे बच्चों के चेहरे मेरी आंखों के सामने घूम रहे हैं.”

इस आघात का छात्रों पर भी भारी प्रभाव पड़ा और उन्हें अपने सहपाठियों को जलकर मरते हुए देखना पड़ा. “मेरी आंखों के ठीक सामने प्लेन स्कूल की इमारत से टकराया”, फरहान हसन ने बताया, जो अभी-अभी परीक्षा खत्म करके क्लास से बाहर निकला था. उसने बीबीसी बांग्ला को बताया, “मेरा सबसे अच्छा दोस्त, जिसके साथ मैं परीक्षा हॉल में था, मेरी आंखों के सामने ही उसकी मौत हो गई.”

स्कूल के एक अन्य टीचर मसूद तारिक ने याद करते हुए कहा कि उन्होंने एक विस्फोट सुना और पीछे मुड़कर देखा तो उन्हें केवल आग और धुआं दिखाई दिया. रॉयटर्स से बात करते हुए उन्होंने कहा, “जब मैं अपने बच्चों को उठा रहा था और गेट पर गया, तो मुझे एहसास हुआ कि पीछे से कुछ आ रहा है… मैंने एक विस्फोट सुना. जब मैंने पीछे देखा, तो मुझे केवल आग और धुआं दिखाई दिया.”

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