Uttarakhand

कानपुर: में सेवानिवृत्त चीफ मैनेजर को किया डिजिटल अरेस्ट: मनी लान्ड्रिंग का लगाया आरोप

Summary

Spread the love

Spread the loveप्रयाग भारत, कानपुर: डिजिटल अरेस्ट के शिकार एसबीआई से सेवानिवृत्त चीफ मैनेजर से साइबर फ्रॉडों ने उनकी लाखों की कमाई लूट ली। जब म्युचुअल फंड तोड़कर पैसे देने की बात आई तो फ्रॉड का संदेह हुआ। पीड़ित ने […]

Spread the love

प्रयाग भारत, कानपुर: डिजिटल अरेस्ट के शिकार एसबीआई से सेवानिवृत्त चीफ मैनेजर से साइबर फ्रॉडों ने उनकी लाखों की कमाई लूट ली। जब म्युचुअल फंड तोड़कर पैसे देने की बात आई तो फ्रॉड का संदेह हुआ।

पीड़ित ने अपने साथ 40.45 लाख रुपये का कुल साइबर फ्रॉड होने का प्रार्थना पत्र साइबर सेल में दिया है। इस संबंध में साइबर सेल इंस्पेक्टर सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि पीड़ित से प्रार्थना पत्र मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।

रतनलाल नगर के इंद्रप्रस्थ अपार्टमेंट निवासी इंद्रजीत सिंह राजपूत ने साइबर सेल को दिए प्रार्थना पत्र में बताया कि 19 दिसंबर को पत्नी के मोबाइल नंबर पर सुबह 9 बजे फोन आया। फोन करने वाले ने बताया कि वह एसबीआई के कस्टमर सर्विस सेंटर से बोल रहा हूं। उसने बताया कि आप ने केनरा बैंक से अकाउंट खुलवाया और क्रेडिट कार्ड इश्यू कराया है।

पीड़ित के अनुसार 21 सितंबर 2024 को क्रेडिट कार्ड से 1.99 लाख रुपये का फ्रॉड किया तो पत्नी घबरा गईं और कहने लगी कि उन्होंने कुछ नहीं किया है वह निर्दोष हैं। पीड़ित की पत्नी ने कहा कि वह कभी केनरा बैंक नहीं गईं। पीड़ित ने बताया कि वह एसबीआई से सेवानिवृत्त चीफ मैनेजर हैं। हदृयरोगी होने के कारण उनका इलाज चल रहा है। इस पर तब उसने फ्लोर मैनेजर नवीन शर्मा से बात कराई।

इसके बाद फोन दिल्ली के पुलिस ऑफिसर के पास चला गया। उसने बहुत भला बुरा कहा और उनका व पत्नी के आधार कार्ड की छायाप्रति और दोनों के स्पष्ट नाम बताने को कहे। इसके बाद उसने दूसरे अधिकारी को फोन दे दिया। उसने बताया कि आप के नाम से क्रेडिट कार्ड नई दिल्ली कनाट प्लेस से 21 सितंबर को इश्यू हुआ है।

आपके खिलाफ मुकदमा हुआ होगी एनएसए की कार्रवाई

पीड़ित के अनुसार फोन करने वाले ने बताया कि उसके खिलाफ एक मुकदमा दर्ज हुआ है। 2.56 करोड़ रुपये की मनी लान्ड्रिंग के आरोप में हरीश कार्तिकेय के पास मिले 200 आधार कार्ड व क्रेडिट कार्ड में तुम्हारा भी कार्ड है। हरीश से पूछताछ में पता चला कि उसने 25.60 लाख रुपये कमीशन के रूप में दिए हैं। इसीलिए तुम पर भी शक है। पीड़ित ने बताया कि वह और उसकी पत्नी बेगुनाह है।

इस पर फोन करने वाले अधिकारी ने कहा कि इस संबंध में वह अपने बड़े अधिकारी से बात करा रहे हैं, उनसे आप प्रार्थना करें कि आपके मामले में जांच की जाए। इसके बाद अधिकारी ने चेतावनी के लहजे में कहा कि हमारी बातचीत के बारे में किसी को पता नहीं चलना चाहिए। अगर किसी को बताया तो एनएसए की कार्रवाई होगी। तुम्हारा केस गंभीर है, जेल भेज दिए जाओगे।

दूसरे अधिकारी ने ली खाते की डिटेल

पीड़ित के अनुसार इसके बाद उसकी दूसरे अधिकारी नितिन पवार से बात कराई गई। उसने बैंक खाता से संबंधित पूरी जानकारी ली। इसके बाद उसने कहा कि चुपचाप बैंक जाइए मोबाइल बंद मत करना। बैंक पहुंचकर एक नंबर दूंगा उस खाते में 6 लाख रुपये आरटीजीएस से भेज देना। डरा होने के कारण वह जो भी बताया गया वो पूरा किया। हर घंटे की सूचना दी कि मैं घर में सुरक्षित हूं और फोन रात भर चालू रहा। अगले दिन 20 दिसंबर को एसबीआई कस्टमर सेवा के अंकित यादव से बात हुई।

उन्होंने कहा कि 21 सितंबर को तुम्हारा खाता खुला है और क्रेडिट कार्ड मुम्बई केनरा बैंक से जारी हुआ है। इतनी बातचीत के बाद तेजेन्दर अरोड़ा और रिया दत्त से उनकी बात कराई गई। फिर उन लोगों ने सीबीआई के अधिकारी आकाश कुलहरी से बातचीत करने को कहा। उन्होंने व्हाट्सएप कॉल से सम्पर्क किया और सारी जानकारी ली। सीबीआई अधिकारी के आदेश पर अलग-अलग खातों में 18 लाख, 3.20 लाख रुपये फिर जमा कराए।

इसके साथ आरटीजीएस के माध्यम से 5.45 लाख, 3.30 लाख, 2.7 लाख रुपये भेजे। इतनी धनराशि भेजने के बाद उधर से जवाब आया कि ईमानदारी से काम करो तीन दिन के अंदर तुम्हारा केस बंद करा दूंगा। इसके बाद 23 दिसंबर को सुबह 9 बजे फिर फोन आया कि एक्सिस बैंक में जो भी धन जमा है, वो और जो भी सोना है उसे बेच करके 12 लाख रुपये और जमा कराओ। उसके बाद केस बंद होगा।

म्युचुअल फंड बंद कर सारा पैसा ट्रांसफर करो

पीड़ित के अनुसार उनके म्युचुअल फंड के बारे सवाल जवाब किया गया। कहा कि म्युचुअल फंड बंद करके खाते में पैसा ट्रांसफर करो वो पैसा बताए हुए खाते में डालो। जब वह म्युचुअल फंड बंद कराने के लिए गए तब अधिकारी ने पकड़ लिया। संदेह के आधार पर उसने कहा कि लगता है, तुम डिजिटल अरेस्ट के शिकार हो। डरो मत मामले की तत्काल रिपोर्ट दर्ज कराओ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *