Uttarakhand

जमीन हेराफेरी के नाम पर 1.5 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी

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प्रयाग भारत, काशीपुर: उधम सिंह नगर जिले के काशीपुर में जमीन हेराफेरी के नाम पर कई करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है. पीड़ित पक्ष की तहरीर पर पुलिस ने 6 से अधिक लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.

जानकारी के मुताबिक परमार्थ छाबड़ा पुत्र राजेंद्र कुमार ने ही पुलिस को तहरीर दी थी. परमार्थ छाबड़ा ने बताया कि वो कपड़े का व्यवासायी है. काशीपुर के ही आईटीआई थाना क्षेत्र के ग्राम बांसखेड़ा निवासी मोहित पुत्र स्व. संजीव कुमार से उसकी जान पहचान है.

होटल में हुई थी आरोपियों के साथ मीटिंग: आरोप है कि बीते साल मई 2024 में मोहित ने परमार्थ को एक जमीन के बारे में बताया था और कहा कि जमीन के इस सौदे में उन्हें तीन से चार करोड़ रुपए बच जाएंगे. 27 मई 2024 को एक होटल में मीटिंग हुई, जहां पर मोहित के अलावा छीना फार्म ढकिया गुलाबो निवासी अरपिन्दर सिंह उर्फ हैप्पी पुत्र विरसा सिंह और ग्राम बक्सौरा निवासी बलवन्त सिंह पुत्र सन्तोख सिंह भी थे.

कई करोड़ रुपए का प्रॉफिट दिखाया: आरोप है कि मोहित, अरपिंदर सिंह और बलवंत सिंह ने परमार्थ छाबड़ा को बताया कि ग्राम बक्सौरा में सात एकड़ जमीन का सौदा है. तीनों ने परमार्थ छाबड़ा से कहा कि यदि वो इस जमीन का दस लाख रुपये बयाना देते हैं, तो जमीन महंगे रेट पर बिक जाएगी, क्योंकि उसका खरीदार बरेली का व्यापारी है. बरेली के व्यापारी अमरजीत सिंह को जमीन भी पंसद आ गई है. जमीन ग्राम बक्सौरा निवासी सतनाम सिंह पुत्र रतन सिंह की है.

एक करोड़ 95 लाख में हुआ जमीन का सौदा: परमार्थ छाबड़ा आसानी से आरोपियों के चंगुल में फंस गया और एक करोड़ 95 लाख रुपए में जमीन का सौदा तय हुआ. आरोपियों की तरफ से कहा गया है कि फिलहाल दस लाख रुपये एडवांस देकर जमीन रोक लेते हैं. इसे तुरंत दोगुने रेट में आगे बेच देंगे. परमार्थ छाबड़ा और उनके पिता को सौदा सही लगा. इसके बाद उन्होंने 2.50 लाख रुपए घर से लाकर आरोपियों दे दिए. कुछ ही देर बाद मोहित ने परमार्थ छाबड़ा को व्हाट्सअप पर मैसेज भेजा और कहा कि उसने एक लाख रुपए सतनाम सिंह (जमीन का मालिक) तक पहुंचा दिया है. साथ ही कहा कि सतनाम सिंह की जमीन का सौदा पक्का हो गया है.

सौदा कैसिंल करने की बात कही: आरोप है कि 4 जुलाई 2024 को मोहित ने फिर से परमार्थ छाबड़ा को होटल में बुलाया, जहां अरपिन्दर सिंह, मोहित और सतनाम सिंह (जमीन का मालिक) तीनों थे. अरपिन्दर सिंह और मोहित ने कहा कि सतनाम सिंह सौदा कैंसिल कर रहे हैं और बयाना समाप्त हो रहा है. यदि सौदा बनाये रखना है, तो इन्हें सौदे की रकम में से 25 प्रतिशत का भुगतान करना होगा.

ये होने के बाद आरोपियों ने परमार्थ छाबड़ा को बरेली की जमीन खरीदने वाली पार्टी अमरजीत सिंह से रुद्रपुर के होटल में मिलवाया. अमरजीत सिंह ने कहा कि उन्हें इस जमीन के साथ-साथ आठ एकड़ जमीन और लेनी है जो कि सतनाम सिंह के गांव में उसके पड़ोसी बलवन्त सिंह की है.

इसके बाद परमार्थ छाबड़ा और उसके पिता ने मोहित और अरपिन्दर सिंह उर्फ हैप्पी के साथ मिलकर बलवन्त सिंह की आठ एकड़ जमीन खरीदने का सौदा भी किया और 15 लाख रुपये एडवांस बलवन्त सिंह को दे दिये. इसके बाद बलवन्त सिंह ने अपने साले कुलदीप सिंह पुत्र मुख्तयार सिंह निवासी मलपुरी तहसील जसपुर से मिलवाया.

आरोप है कि कुलदीप सिंह ने कहा कि मैं आपको उधार रकम ब्याज पर दे दूंगा, बदले में आपको अपनी भूमि गिरवी रखनी होगी. जिस पर उसके पिता ने अपनी ग्राम किलावली व ग्राम गढ़ीनेगी स्थित भूमि कुलदीप सिंह के पास बन्धक रखी, जिसका गिरवीनामा भी दो जुलाई 2024 को तहसील काशीपुर में पंजीकृत कर दिया गया. लेकिन बाद में उसे पता चला कि अधिवक्ता द्वारा गिरवीनामा न बनाकर मेरे पिता के कम पढ़े लिखे होने का फायदा उठाकर बैनामा ही अपने नाम करा लिया है.

आरोप है कि इन लोगों ने सुनियोजित षड्यन्त्र के तहत उसके व उसके पिता की एक करोड़ पैंसठ लाख रुपये की रकम व पौने चार एकड़ जमीन फर्जी व कूटरचित कागज तैयार कर हड़प ली. पुलिस ने पीड़ित की तहरीर के आधार पर आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है.

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