Uttara Pradesh

नैक ए प्लस प्लस के बाद मिली यूजीसी की सर्वोच्च श्रेणी, राज्यपाल और उप मुख्यमंत्री ने दी बधाई

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Spread the loveप्रयागभारत, कानपुर : नैक में ए प्लस प्लस ग्रेड मिलने के बाद छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) के नाम एक और उपलब्धि हासिल की है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सीएसजेएमयू को श्रेणी-1 की सूची में शामिल किया है। […]

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प्रयागभारत, कानपुर : नैक में ए प्लस प्लस ग्रेड मिलने के बाद छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) के नाम एक और उपलब्धि हासिल की है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सीएसजेएमयू को श्रेणी-1 की सूची में शामिल किया है। इसके साथ ही सीएसजेएमयू देश के सर्वोच्च शिक्षण संस्थानों में शामिल हो गया है।

अभी तक देश के केवल एक फीसदी विवि को ही यूजीसी ने इस श्रेणी में शामिल किया है। इससे विवि को कई मामलों में एकेडमिक व प्रशासनिक स्वायत्ता मिलेगी। विवि को नए कोर्स शुरू करने, नया कैंपस खोलने, विदेशी छात्रों को प्रवेश देने और एकेडमिक निर्णय लेने की पूरी स्वतंत्रता होगी। यूजीसी की अनुमति नहीं लेनी होगी।

यूजीसी की ओर से सोमवार को जारी किए गए पत्र के माध्यम से यह जानकारी दी गई। यूजीसी सचिव मनीष आर जोशी के पत्र के अनुसार 13 फरवरी 2024 को आयोजित 577वीं बैठक में सीएसजेएमयू, कानपुर से प्रस्ताव बैठक में रखा गया था। समीक्षा के बाद यूजीसी ने सीएसजेएमयू को श्रेणी-1 विश्वविद्यालय का दर्जा दिया है। अब विश्वविद्यालय नए आयामों के साथ बेहतर अकादमिक वातावरण के लिए तैयार होगा।

समझें नैक और यूजीसी श्रेणी-एक का अंतर

राष्ट्रीय मूल्यांकन प्रत्यायन परिषद (नैक) की ओर विवि और कॉलेजों के ग्रेडिंग दी जाती है। यह ग्रेडिंग विवि को सात पैरामीटर पर दिए गए अंकों के आधार पर दी जाती है। नैक में ए प्लस प्लस पाने के बाद ही संस्थान यूजीसी श्रेणी-1 में आवेदन करने के लिए योग्य होता है। यूजीसी श्रेणी-1 का दर्जा मिलने के बाद विवि वैश्विक पटल पर उभरकर सामने आएगा।

विदेशी छात्रों को अनुमति की जरूरत नहीं होगी

विवि अब विदेशी विवि के साथ बिना किसी बाधा के बेहतर अकादमिक संबंध, शोध के नए अवसर, साझा अनुसंधान के प्रोजेक्ट के साथ ऑनलाइन पाठ्यक्रम पर काम कर सकेगा। इसके अलावा विदेशी छात्रों को कैंपस में पढ़ने आने, विदेश में कैंपस खोलने तक के लिए विवि को किसी अनुमति की जरूरत नहीं होगी। इसके पहले लखनऊ विश्वविद्यालय को श्रेणी-एक विश्वविद्यालय की रैंकिंग प्राप्त हुई है।

ऐसे मिलती है यूजीसी श्रेणी-एक

नैक में ए प्लस प्लस की ग्रेडिंग पाने के बाद ही यूजीसी श्रेणी-1 के लिए आवेदन कर सकते हैं। यूनिवर्सिटी कभी फर्जी डिग्री या मार्कशीट में तो नहीं फंसी, दिया जाने वाला ग्रांट इस्तेमाल हुआ या नहीं, कभी किसी तरह की कानूनी कार्रवाई तो नहीं की गई। ऐसे कई बिंदुओं को जांचने के बाद ही यूजीसी श्रेणी-1 में शामिल की जाती है।

छात्रों की मार्कशीट और डिग्री में होगा अंकित

विवि की ये दोनों उपलिब्धयां अब छात्रों की मार्कशीट और डिग्री में अंकित होंगी। इसका छात्रों को उच्च शिक्षण संस्थानों में शिक्षा ग्रहण करने और अच्छी कंपनी में नौकरी पाने में फायदा मिलेगा।

राज्यपाल ने और उप मुख्यमंत्री ने दी बधाई

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने बधाई दी है। विश्वविद्यालय यूजीसी की मंजूरी के बिना स्वायत्तता के तहत सभी प्रमुख चीजों के लिए पात्र होगा। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने भी विवि परिवार को इसके लिए बधाई दी है। वहीं कुलसचिव डॉ. अनिल कुमार यादव ने जहां आभार जताया, वहीं उत्तर प्रदेश स्ववित्तपोषित महाविद्यालय एसोसिएशन के अध्यक्ष विनय कुमार त्रिवेदी ने भी बधाई दी है।

देश के कुल विश्वविद्यालयों में से एक फीसदी विवि को यूजीसी श्रेणी-एक का दर्जा मिला है। इसमें सीएसजेएमयू का नाम आना गौरव का विषय है। यह विवि के छात्रों, शिक्षक, कर्मचारियों के प्रयास की वजह से ही संभव हुआ है। विशेष रूप से कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल को बधाई, जिनके मार्गदर्शन से ही संस्थान आगे बढ़ा है। विवि स्वायत्ता के नए आयामों के साथ बेहतर अकादमिक वातावरण के लिए तैयार होगा।  -कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक

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