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कौशल विकास को मिलेगी रफ्तार, 1,000 सरकारी ITIs होंगे एडवांस, करियर के नए अवसर तैयार

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प्रयाग भारत, दिल्ली; सरकार देश भर में मौजूद 3,000 सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (ITI) में से करीब 1,000 संस्थानों को एडवांस बनाने के लिए जल्द ही एक कार्यक्रम शुरू करेगी. यह कार्यक्रम मई में अनुमोदित 60,000 करोड़ रुपये की केंद्र प्रायोजित योजना का हिस्सा है. केंद्रीय कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री जयंत चौधरी ने मंगलवार को विश्व युवा कौशल दिवस के अवसर पर आईटीआई को अपनी गुणवत्ता में सुधार पर ध्यान देने के साथ उनके नवनिर्माण के लिए किए जा रहे विभिन्न उपायों को रेखांकित किया.

ITI में सुधार की जरूरत

इस अवसर पर कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय के सचिव रजित पुन्हानी ने कहा, ‘‘हम जल्द ही सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) में आईटीआई को एडवांस करने का एक कार्यक्रम शुरू करने जा रहे हैं. अगले दौर में कदम रखने के साथ हमारा ध्यान गुणवत्ता, प्रासंगिकता, समावेश और नवाचार पर बने रहना चाहिए.”चौधरी ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि आईटीआई के उन्नयन के पीछे का विचार भारत की प्रतिस्पर्धी भावना को उभारना है. इस क्रम में कई आईटीआई को लाखों खाली सीटें होने के कारण गैर-संबद्ध कर दिया गया है.

ITI को एडवांस बनाने के लिए काम शुरू करेगी

उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास ऐसे गैर-संबद्ध आईटीआई हैं जिनमें 2018 का दिशानिर्देश जारी होने के छह साल बाद 4.5 लाख से अधिक सीटें खाली थीं. अब हम उन आईटीआई के खिलाफ भी कार्रवाई कर रहे हैं जिनमें पिछले दो वर्षों से 99,000 सीटें खाली पड़ी हैं. इससे 2024 में आईटीआई संस्थानों में प्रवेश 11 प्रतिशत बढ़ गया. हम गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित करते हुए ‘सिस्टम’ को साफ कर रहे हैं.”उन्होंने आईटीआई को उन्नत बनाने की योजना की जानकारी देते हुए कहा, ‘‘हमें राज्यों के साथ काम करना होगा, हमें शासन में सुधार करना होगा, गुणवत्ता पर ध्यान देना है। इस लिहाज से 1,000 (सरकारी) आईटीआई पर काम करना होगा.”

22 जुलाई को कई पहल की शुरुआत होने जा रही है

उन्होंने बताया कि इस काम को ‘हब एवं स्पोक’ मॉडल में अंजाम दिया जाना है. इन संस्थानों में से 200 ‘हब’ होंगे जबकि 800 ‘स्पोक’ श्रेणी में रखे जाएंगे. हब एंड स्पोक मॉडल एक संगठनात्मक संरचना है जिसमें एक केंद्रीय स्थान (हब) होता है, जो अन्य छोटे स्थानों (स्पोक) से जुड़ा होता है. उन्होंने कहा कि 22 जुलाई को कई पहल की शुरुआत होने जा रही है, जिसमें छठी कक्षा से लेकर 12वीं कक्षा तक के स्कूली छात्रों को कृत्रिम मेधा (एआई) के लिए दक्ष बनाने का कार्यक्रम भी शामिल है.

चौधरी ने कहा, ‘हम ‘एआई रेडिनेस के लिए स्किलिंग’ नाम का एक कार्यक्रम शुरू करेंगे जो देशभर के स्कूलों के साथ समन्वय में लागू होने जा रहा है. हम पायलट चरण में एक लाख (छात्रों) को लक्षित कर रहे हैं. यह छठी से 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए एक मुफ्त ऑनलाइन पाठ्यक्रम है.”उन्होंने कहा, ‘‘हम नए दिशानिर्देशों को भी लागू करेंगे, जिस पर मंत्रालय और एनसीवीटी (नेशनल काउंसिल फॉर वोकेशनल ट्रेनिंग) सक्रिय रूप से काम कर रहा है.यह संबद्ध निकायों के मानदंडों के लिए है.”

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