फर्जी डीएसपी बनकर लोगों को ठगने का सनसनीखेज, पुलिस ने युवक को किया गिरफ्तार
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प्रयाग भारत, पानीपत : मतलौडा क्षेत्र के युवक की ओर से फर्जी डीएसपी बनकर लोगों को ठगने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। मामले में पुलिस ने युवक को गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए युवक ने अपने साथी की साथ इलाके के युवक योगेश अरोड़ा से शिक्षा केंद्र में सीसीटीवी कैमरा और अन्य टेंडर दिलवाने के नाम पर करीब 35 लाख रुपये ऐंठ लिए। इस मामले में पीड़ित ने पंचकूला में केस दर्ज कराया, जहां एसीपी क्राइम ने जांच के बाद पंचकूला सेक्टर-7 थाने में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मुकदमा दर्ज किया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। पकड़े गए आरोपियों की पहचान विपुल गोयल और तरुण गोयल के तौर पर हुई है।
मामला पंचकूला में दर्ज हुआ है, जहां एसीपी क्राइम की जांच के बाद
शिकायतकर्ता योगेश अरोड़ा ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि वर्ष 2014 में उसका दोस्त तरुण गोयल उसे विपुल गोयल से मिलवाया। विपुल गोयल ने कहा कि उसने डीएसपी का टेस्ट पास कर लिया है और जल्द ही उसकी नौकरी लगने वाली है। नौकरी मिलने से पहले वह सिरडी साई धाम जाकर पूजा करना चाहता है। विश्वास दिलाने के लिए तरुण और विपुल उसे साथ लेकर सिरडी गए और वहां घूमे। इसके बाद विपुल कई बार डीएसपी की वर्दी में योगेश से मिला, जिससे योगेश का भरोसा और मजबूत हो गया।
पैसे ऐंठने का तरीका
विपुल ने बातचीत के दौरान योगेश से कहा कि वह टेंडर दिलवा सकता है, जिससे उसे और तरुण गोयल को बड़ा लाभ होगा। फरवरी 2017 में विपुल ने योगेश को पंचकूला सेक्टर-6 स्थित पुलिस मुख्यालय बुलाया और कहा कि टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इसके लिए 15 लाख रुपये नकद लेकर आना होगा। योगेश को बाहर खड़ा कर आरोपी पैसे लेकर पुलिस मुख्यालय में अंदर चले गए और बाद में आकर आश्वासन दिया कि काम हो जाएगा, आप घर लौट जाइए। इसके बाद आरोपित लगातार मिलने लगे और विभिन्न तिथियों पर पैसे लेते रहे।
इसके तहत 2.5 लाख रुपये योगेश ने अपनी माता के बैंक खाते से ट्रांसफर किए, जबकि 4 लाख रुपये नकद अपने घर से दिलवाए। आगे चलकर आरोपितों ने अपने और अन्य खातों में कई बार लाखों रुपये जमा कराए। 2018 के अंत तक कुल मिलाकर करीब 35 लाख रुपये ले लिए। कई बार योगेश से नकद रुपये भी लिए गए और टेंडर दिलवाने का झांसा दिया गया।
धोखाधड़ी का खुलासा
काफी समय बीत जाने के बाद भी न तो टेंडर मिला और न ही कोई औपचारिक प्रक्रिया हुई। जब योगेश ने पैसे लौटाने की मांग की तो आरोपी बार-बार टालते रहे। बाद में संपर्क बंद कर दिया गया। वर्षों बाद जानकारी मिली कि विपुल गोयल कभी डीएसपी नहीं रहा और सिर्फ वर्दी पहनकर लोगों से ठगी करता था। उसने सोशल मीडिया पर भी डीएसपी की वर्दी में फोटो पोस्ट कर विश्वास अर्जित किया था। पीड़ित ने पंचकूला पुलिस उपायुक्त कार्यालय में शिकायत दी।
पंचकूला सेक्टर-7 थाने में किया मुकदमा दर्ज
एसीपी क्राइम ने जांच कर पंचकूला सेक्टर-7 थाने में मुकदमा दर्ज किया और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपितों के खातों से ट्रांसफर की गई रकम की डिटेल जुटाई और वर्दी पहनकर फोटो लगाने के सबूत भी संलग्न किए हैं। मामले की जांच अभी जारी है।
