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पूर्व विधायक पवन पाण्डेय को धोखाधड़ी के मामले में राहत देने से इंकार

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प्रयाग भारत, लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने अम्बेडकर नगर के पूर्व विधायक पवन पाण्डेय को धोखाधड़ी के एक मामले में राहत देने से इंकार कर दिया है। मामले की वादिनी ने पवन पाण्डेय पर करोड़ों की जमीन हड़पने के लिए उसके बेटे की नकली पत्नी खड़ा करने व फर्जी बिक्री अनुबंध बनवाने का आरोप लगाया है।

कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए कहा कि याची पर लगे आरोपों पर निर्णय ट्रायल में ही हो सकता है, यह अदालत मिनी ट्रायल नहीं चला सकती। न्यायाधीश सुभाष विद्यार्थी की एकल पीठ ने यह फैसला पवन पाण्डेय की उस याचिका को खारिज करके दिया, जिसमें उन्होंने मामले में चल रही आपराधिक प्रक्रिया को निरस्त करने की मांग की थी।

अभियोजन पक्ष का आरोप है कि वादिनी एक विधवा महिला है, उसके बेटे अजय सिंह की मृत्यु 23 अक्टूबर 2020 को हो गई थी, पवन पाण्डेय के खास आदमी मुकेश तिवारी ने 25 अगस्त 2020 का फर्जी बिक्री अनुबंध जो कथित तौर पर अजय सिंह द्वारा किया गया था, उसे दिखाते हुए, वादिनी की करोड़ों की जमीन पर दावा किया। यही नहीं उक्त जमीन को हड़पने के मकसद से नीतू सिंह नाम की एक महिला को भी पेश किया गया तथा उक्त महिला ने दावा किया कि 23 अक्टूबर को 2020 को शाम साढ़े चार बजे उसने वादिनी के बेटे अजय सिंह से आर्य समाज मंदिर में विवाह किया था।

गौरतलब है कि अजय सिंह की मृत्यु भी 23 अक्टूबर को ही शाम साढ़े छह बजे हुयी थी। विवेचना में पता चला कि साजिशकर्ता पवन पाण्डेय ही थे। कोर्ट ने फैसले में कहा कि इस स्टेज पर आपराधिक प्रक्रिया को निरस्त नहीं किया जा सकता। इस टिप्पणी के साथ कोर्ट ने याचिका खारिज कर दी।

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