जर्मनी की स्कूल एजुकेशन सबसे अलग है, 6 साल की उम्र में बच्चा स्कूल जाना शुरू कर देता है

प्रयाग भारत, दिल्ली; जर्मनी की पढ़ाई हमेशा से भारत के लिए एक आकर्षित केंद्र रहा है. क्योंकि यहां के एजुकेशन को लेकर काफी चर्चा होती है. बेस्ट एजुकेशन और फ्री एजुकेशन के मामले में जर्मनी ज्यादातर भारतीयों की पहली पसंद है. भारत में किसी भी नौकरी को पाने के लिए या तो अलग से पढ़ाई की जाए या सरकारी नौकरी करनी है तो अलग से कोचिंग ली जाती है, ऐसे में ये सवाल में भी मन में उठता है कि जर्मनी में किसी को पाने के लिए कौन सी पढ़ाई या कोचिंग लेनी पड़ती है. वहां पर नौकरी पाने का क्या तरीका है.
जर्मनी में शिक्षा का प्रबंधन कौन करता है?
“स्टडी इन जर्मनी” वेबसाइट के अनुसार, एजुकेशन का मैनेजमेंट जर्मनी के 16 संघीय राज्यों द्वारा किया जाता है. जहां केंद्र सरकार नेशनल लेवल पर शिक्षा का समर्थन करती है, वहीं प्रत्येक राज्य यह तय करता है कि स्कूल कैसे चलाए जाएं, क्या पढ़ाया जाए और शिक्षकों को कैसे ट्रेनिंग किया जाए. यह प्रणाली एक राज्य से दूसरे राज्य में कुछ अंतर पैदा करती है, लेकिन शिक्षा को लचीला और प्रासंगिक बनाए रखती है.
जर्मन बच्चे कब स्कूल जाना शुरू करते हैं?
जर्मनी में बच्चे 6 साल की उम्र में स्कूल जाना शुरू करते हैं. राज्य के आधार पर कम से कम 9 से 10 साल तक स्कूली शिक्षा अनिवार्य है. शिक्षा किंडरगार्टन जैसे प्रारंभिक बाल्यावस्था कार्यक्रमों से शुरू होती है, फिर प्राथमिक और माध्यमिक स्कूली शिक्षा में आगे बढ़ती है