ड्रग्स नेटवर्क के खिलाफ बड़ी कार्रवाई, 25 अधिकारियों को निलंबित

प्रयाग भारत, चंडीगढ़ : पंजाब सरकार ने जेलों में भ्रष्टाचार और ड्रग्स नेटवर्क के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए शनिवार को कहा कि उसने तीन उप अधीक्षकों और दो सहायक अधीक्षकों सहित 25 अधिकारियों को निलंबित कर दिया.
आईएनएस की रिपोर्ट के अनुसार सरकार ने कहा कि यह कार्रवाई भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म करने और जेलों के अंदर चल रहे ड्रग्स के नेटवर्क को खत्म करने के अभियान का हिस्सा है. जेलों के अंदर अनियमितताओं और ड्रग्स से संबंधित गतिविधियों की रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार ने कहा कि यह कार्रवाई भ्रष्टाचार और ड्रग्स के नेटवर्क को खत्म करने के लिए की गई.
सरकार ने एक बयान में कहा, ‘जेलों में भ्रष्टाचार और ड्रग नेटवर्क के बारे में मिली सूचना के आधार पर यह बड़ी कार्रवाई की गई.’ मार्च में सरकार ने कुख्यात गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया को हाई सिक्योरिटी वाली बठिंडा सेंट्रल जेल से असम की सिलचर जेल में शिफ्ट कर दिया था, क्योंकि अधिकारियों को हिरासत में लिए गए गैंगस्टर की पंजाब की जेलों से ड्रग सिंडिकेट चलाने का शक था.
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने भगवानपुरिया को नारकोटिक्स और साइकोट्रोपिक पदार्थ (पीआईटी एनडीपीएस) अधिनियम में अवैध तस्करी की रोकथाम के तहत गिरफ्तार किया था. वह पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या का भी आरोपी है. भगवानपुरिया के खिलाफ पंजाब और अन्य राज्यों में 128 एफआईआर दर्ज है. उसे 2015 में एक हत्या के मामले में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह कई जेलों में बंद रहा है. पहले पंजाब जेल में था.
गायक मूसेवाला की हत्या के मामले में भगवानपुरिया और गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई ने ही उसकी हत्या की साजिश रची थी. हालांकि बाद में दोनों अलग हो गए. गुरदासपुर जिले का रहने वाला भगवानपुरिया बिश्नोई के बाद पंजाब का सबसे खूंखार गैंगस्टर माना जाता है. उस पर पंजाब में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की साजिश रचने के लिए गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत पांच से ज्यादा मामले दर्ज हैं.
भगवानपुरिया पर हथियारों और ड्रग तस्करी के 15 मामले दर्ज हैं. असम में उसके शिफ्ट होने पर एनसीबी ने तब कहा था कि भगवानपुरिया को पंजाब से बाहर इसलिए ले जाया गया क्योंकि उसने कनाडा, अमेरिका और पाकिस्तान में अंतरराष्ट्रीय गुर्गों के साथ ‘संबंध स्थापित’ कर लिए थे. आगे कहा कि उसे शिफ्ट करना आवश्यक था क्योंकि उसके आपराधिक गतिविधियों को जारी रखने की आशंका थी.