समंदर में बिना रुके चलेगा ऑपरेशन, नेवी ने तैयार किया जबरदस्त प्लान, कैरियर बैटल ग्रुप के लिए मिलेगा फ्लीट सपोर्ट शिप

प्रयाग भारत, दिल्ली; समंदर में लंबे और नॉनस्टॉप ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए सबसे जरूरी होता है सपोर्ट शिप. इसका काम होता है तेल, पानी, हथियार, गोलाबारूद और अन्य जरूरी चीजें बीच समंदर में ही मुहैया कराना. भारतीय नौसेना ने इस तरह के पांच फ्लीट सपोर्ट शिप को शामिल करने का प्लान बनाया है. यह शिप भी पूरी तरह से स्वदेशी हैं. पांच में से 2 का तो पहले ही निर्माण जारी है. 9 जुलाई को तीसरे शिप का निर्माण भी शुरू हो गया है. चेन्नई के पास कट्टुपल्ली स्थित एलएंडटी शिपयार्ड में तीसरे फ्लीट सपोर्ट शिप (FSS) की कील लेइंग समारोह का आयोजन किया गया. इस मौके पर कंट्रोलर वारशिप प्रोडक्शन एंड एक्विजीशन वाइस एडमिरल राजाराम स्वामीनाथन, हिंदुस्तान शिपयार्ड लिमिटेड (HSL) और L&T के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे.
क्यों जरूरी है सपोर्ट फ्लीट शिप?
FSS की खासियत
ये जहाज 40,000 टन से ज्यादा वजनी होंगे. इसकी रफ्तार 20 नॉटिकल मील प्रति घंटे के करीब होगी. एंटी सर्फेस, एंटी सबमरीन वॉरफेयर की क्षमता के साथ ही क्लोज इन वेपन सिस्टम से लैस होगा. साल 2023 में सरकार ने नेवी के लिए 5 सपोर्ट फ्लीट शिप की खरीद को मंजूरी दी थी. उसी साल भारतीय नौसेना और हिंदुस्तान शिपयार्ड के साथ करार भी हुआ. करार के मुताबिक पहला शिप 4 साल के बाद यानी साल 2027 में भारतीय नौसेना को मिल जाएगा और बाकी हर शिप 10 से 12 महीने के बीच मिलते रहेंगे. 8 साल के अंदर सभी 5 सपोर्ट फ्लीट शिप नौसेना को दिए जाने की डेडलाइन है. समय पर इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जा सके, इसके लिए हिंदुस्तान शिपयार्ड ने 2 जहाजों के निर्माण के लिए एलएंडटी शिपयार्ड, कट्टुपल्ली के साथ सब कॉन्ट्रैक्ट साइन किया है. पहले शिप का काम पिछले साल हिंदुस्तान शिपयार्ड में शुरू हुआ. दूसरा शिप इस साल और अब तीसरा शिप भी एलएंडटी शिपयार्ड, कट्टुपल्ली में बनना शुरू हो चुका है.