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भारत और अमेरिका के बीच संबंध पहले से हुए हैं और मजबूत, अमेरिकी राजदूत ने किया दावा

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Spread the loveवॉशिंगटन। India-America Ties: भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि भारत-अमेरिका संबंध कभी इतने बेहतर नहीं रहे। उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों रणनीतिक साझेदारों के बीच रिश्ते न केवल मजबूत हुए हैं बल्कि गुणात्मक भी हैं। गार्सेटी […]

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वॉशिंगटन। India-America Ties: भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी ने कहा कि भारत-अमेरिका संबंध कभी इतने बेहतर नहीं रहे। उन्होंने जोर देकर कहा कि दोनों रणनीतिक साझेदारों के बीच रिश्ते न केवल मजबूत हुए हैं बल्कि गुणात्मक भी हैं।

भारत के लोगों का टैक्स प्रतिशत अमेरिका में बढ़ा

गार्सेटी ने कहा कि भारत-अमेरिका के बीच एक ऐसा रिश्ता है जो सिर्फ जोड़ने वाला नहीं है और न ही यह सिर्फ अमेरिका और भारत का मामला है। यह गुणात्मक है, यह यूनाइटेड स्टेट्स टाइम्स इंडिया है। अमेरिकी आबादी में भारवंशियों की संख्या करीब 1.5 प्रतिशत है, जो छह प्रतिशत टैक्स देती है। अमेरिका में यह सबसे सफल प्रवासी समुदाय है। इसी कार्यक्रम के दौरान भारत के जेसीडब्ल्यू स्टील ने बेटाउन, टेक्सास में 14 करोड़ डालर निवेश की योजना की घोषणा की।

गार्सेटी ने कहा कि अब अमेरिकी भारतीय ब्रांड और भारतीय कंपनियों से अधिक परिचित हो चुके हैं। दूसरी ओर, हाल ही में पीएम नरेन्द्र मोदी से मुलाकात करने वाले अमेरिकी सांसद ग्रेगरी मीक्स ने एक इंटरव्यू में कहा कि चीन से बढ़ते खतरे के बीच भारत अमेरिका का एक अहम साझेदार है।

भारत, चीन में एफडीए के कार्यक्रम पर सांसदों ने उठाए सवाल

अमेरिका के तीन वरिष्ठ सांसदों ने भारत और चीन में खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) में विदेशी दवा निरीक्षण कार्यक्रम पर सवाल उठाए हैं। कैथी मैकमोरिस रोजर्स, ब्रेट गुथ्री और मोर्गेन ग्रिफिथ ने एफडीए आयुक्त राबर्ट कालिफ को सोमवार को लिखे पत्र में कहा है कि निरीक्षण के परिणामों में विसंगति संस्थानों की कमजोरी का एक और उदाहरण है। ये सांसद अमेरिकी कांग्रेस की विभिन्न समितियों और उपसमितियों का नेतृत्व करते हैं।

 

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