Uttarakhand

दोपहर में पत्नी से हुई थी वीडियो कॉल पर बात, रात में मिला बलिदान का समाचार

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प्रयागभारत , कोटद्वार ;कठुआ आतंकी हमला: जम्मू के कठुआ जिले में सेना के वाहन पर आतंकी हमले  में बलिदान हुए हवलदार कमल सिंह घर के इकलौते चिराग थे। वह अपने पीछे पत्नी, दो बेटियां, मां और दादी को छोड़ गए हैं। घर की पूरी जिम्मेदारी कमल के ही कंधों पर थी।वह दो माह पहले छुट्टी लेकर घर आए थे और 29 मई को ड्यूटी पर लौटे थे। उनके बलिदान से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। मंगलवार को पूरा दिन उनके घर पर परिवार को सांत्वना देने के लिए ग्रामीणों और रिश्तेदारों की भीड़ जुटी रही।

पत्नी और बच्चों से बात करके वह बेहद खुश थे

पौड़ी जिले में रिखणीखाल विकासखंड के ग्राम पापड़ी (नौदानू) निवासी कमल सिंह की सोमवार दोपहर ही पत्नी रजनी देवी से वीडियो कॉल के जरिये बात हुई थी। पत्नी और बच्चों से बात करके वह बेहद खुश थे। रात में जैसे ही रजनी को कमल के बलिदान होने का समाचार मिला, वह बेसुध हो गईं। हालांकि, तब तक रजनी के माता-पिता उनके आवास पहुंच चुके थे।

कमल वर्ष 2007 में भारतीय सेना का हिस्सा बने। वर्तमान में 22वीं गढ़वाल राइफल्स में कार्यरत कमल की तैनाती जम्मू-कश्मीर में थी। वह जब पांच वर्ष के थे, तभी पिता केशर सिंह का निधन हो गया था। कमल ने इसी वर्ष बेटियों की अच्छी शिक्षा-दीक्षा के लिए परिवार को कोटद्वार शिफ्ट किया था। यहां उनकी पत्नी रजनी दोनों बेटियों के साथ पदमपुर-सुखरो में किराये पर रहती हैं।

कमल की बड़ी बेटी नौ वर्ष की है और पांचवीं कक्षा में अध्ययनरत है, जबकि छोटी बेटी पांच वर्ष की है। उनकी वयोवृद्ध दादी घुमरी देवी और माता सुमति देवी गांव में रहते हैं। मंगलवार सुबह पत्नी और बेटियां भी गांव के लिए रवाना हो गईं। कमल की तीन बहनें हैं और सभी की शादी हो चुकी है।बलिदानी के अंतिम दर्शन के लिए बुधवार सुबह पार्थिव देह पैतृक गांव पहुंचाई जाएगी। इसके बाद उनका पैतृक घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा।

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