Uttara Pradesh

लखीमपुर: गोतस्करी को लेकर कुख्यात माने जाने वाला पश्चिम बंगाल अब यूपी के तराई क्षेत्र में पैर पसार रहा

Summary

Spread the love

Spread the loveप्रयाग भारत, लखीमपुर खीरी: गोतस्करी को लेकर कुख्यात माने जाने वाला पश्चिम बंगाल अब यूपी के तराई क्षेत्र में पैर पसार रहा है, जो यूपी से पश्चिम बंगाल के रास्ते बांग्लादेश में गोवंशों की तस्करी कर रहा है। खमरिया में […]

Spread the love

प्रयाग भारत, लखीमपुर खीरी: गोतस्करी को लेकर कुख्यात माने जाने वाला पश्चिम बंगाल अब यूपी के तराई क्षेत्र में पैर पसार रहा है, जो यूपी से पश्चिम बंगाल के रास्ते बांग्लादेश में गोवंशों की तस्करी कर रहा है। खमरिया में शुक्रवार को डीसीएम में बरामद हुए 22 गोवंश के बाद इस तस्करी में रोहिंग्या गैंग के सक्रिय होने की भी आशंका बढ़ गई है।

पश्चिम बंगाल गो तस्करी के लिए पहले से ही कुख्यात है। अभी तक तराई क्षेत्र के पीलीभीत, शाहजहांपुर, हरदोई, रामपुर, बरेली आदि जगहों पर आसपास के जिलों के ही गो तस्करों के शामिल होने के मामले सामने आते थे। साल 2017 के पहले धौरहरा तहसील क्षेत्र की रामनगर लहबड़ी, सिसैया, कुम्हेना, बेहनपुरवा, महराजनगर आदि गांवो से रिच्छा बरेली के गो तस्कर, ट्रकों में भरकर गोवंशीय पशुओं को बरेली, रामपुर सहित कई शहरों में ले जाते थे। इन तस्करों का मकड़जाल पूरे इलाके में फैला था। पुलिस से ने इन तस्करों के विरुद्ध कार्रवाई भी की।

इससे गोतस्करी कम जरूर हुई पर बंद नहीं हुई। यूपी में योगी सरकार बनने के बाद धौरहरा क्षेत्र में गोवंशीय पशुओं की तस्करी रुकी। 29 सितंबर को चंदपुरा थाना पढुआ और 4 अक्टूबर को धौरहरा के लालजीपुरवा और खमरिया के लोधौनी में गो तस्करो ने दो-दो पशुओं का वध कर सनसनी फैला दी।

पुलिस ने दो एनकाउंटर में तीन आरोपियों को पकड़ा यह सभी आरोपी भी बरेली के थे। इसके बाद फिर गोतस्कर शांत रहे, लेकिन शुक्रवार की रात लखीमपुर खीरी के थाना खमरिया क्षेत्र में डीसीएम से बरामद 22 गोवंश मामले में गिरफ्तार आरोपी ने अन्य प्रदेशों के साथ बांग्लादेश तक पशुओं की तस्करी करने की बात कबूली है। इससे यह साफ हो गया है कि इन गोतस्करों का जाल भारत-नेपाल सीमा पर स्थित तराई जिलों में फैल चुका है, जो यूपी से पश्चिम बंगाल के रास्ते कई राज्यों और बांग्लादेश को गोवंशों की तस्करी कर रहे हैं।

कहीं सक्रिय तो नहीं हुआ रोहिंग्या का गैंग
खमरिया में गोवंशीय पशुओं के बरामद होने के मामले में गोरक्षकों की सूचना पर पुलिस ने मौके से नूर इस्लाम निवासी दुल्लेपुर थाना इटहर जिला उत्तरी नीनाजपुर पश्चिम बंगाल को गिरफ्तार किया था, जबकि उसके दो साथी भागने में सफल रहे। जिस डीसीएम में गोवंशों को भरकर ले जाया जा रहा था वह पंजाब के नंबर की थी। पुलिस के मुताबिक गिरफ्तार नूर आलम रोहिंग्या है। इससे इस पूरे मामले में रोहिंग्या कनेक्शन भी साबित होता है। सूत्र बताते हैं कि यदि पुलिस पूरे मामले की गहराई से जांच करे तो बड़े गैंग का खुलासा होगा।

पुलिस को आशंका, यूपी में सक्रिय हुआ गिरोह
थाना खमरिया में गोवंशीय पशुओं के साथ नूर आलम की गिरफ्तारी होने से पुलिस को भी अंदेशा है कि यूपी में पश्चिम बंगाल के गो तस्कर सक्रिय हो गए हैं। साथ ही वह रोहिंग्या कनेक्शन से भी इन्कार नहीं कर रही है।

जानिए क्या बोली पुलिस
सीओ धौरहरा प्रीतम पाल सिंह ने बताया कि पकड़ा गया गोतस्कर पश्चिम बंगाल का है। इससे पहले भी एक डीसीएम खाली पश्चिम बंगाल की ही पकड़ी गई थी। हालांकि उसमें गोवंश नहीं थे। अंदेशा है कि पश्चिम बंगाल का कोई गैंग है, जो स्थानीय लोगों से मदद से काम कर रहा है। हर पहलुओं पर जांच की जा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *