उत्तराखंड में बरसात का कहर , देहरादून समेत कई जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट
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प्रयाग भारत,उत्तराखंड;उत्तराखंड में पूरे ग्रीष्मकाल में इंद्रदेव के मेहरबान रहने के बाद अब मानसून में भारी बारिश आफत बन रही है। इस बार मानसून ने जून माह में ही जोर पकड़ लिया है। राज्य में एक से 30 जून तक औसत 240.7 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो सामान्य औसत 176.8 मिमी से 36 प्रतिशत अधिक है।राज्य के कई जनपदों में अत्यधिक वर्षा हुई है, जिससे जलभराव, भूस्खलन और नदियों के जलस्तर में वृद्धि जैसी आपदाएं भी देखने को मिलीं। बागेश्वर और चमोली में इस पूरे माह पांच से छह गुना वर्षा हुई। वहीं, देहरादून में भी डेढ गुना से अधिक वर्षा दर्ज की गई।
एक जून से मानसून सीजन माना जाता है। जिसमें शुरुआत से ही वर्षा के दौर होते रहते हैं लेकिन, इस बार ग्रीष्मकाल में मार्च से लेकर मई के बीच रुक-रुककर वर्षा के दौर होते रहे। जिससे गर्मी सामान्य से कम रही। आमतौर पर सबसे गर्म रहने वाले मई में भी पारा सामान्य के आसपास ही बना रहा और बारिश सामान्य से 80 प्रतिशत अधिक दर्ज की गई। वहीं, पूरे ग्रीष्मकाल में भी मेघ 32 प्रतिशत अधिक बरसे।
देहरादून में भी मानसून ने समय से पहले सक्रियता दिखाई। सामान्य 193.4 मिमी की तुलना में यहां 306.5 मिमी वर्षा हुई, जो कि 58 मिमी अधिक है। लगातार भारी बारिश के कारण शहर के कई इलाकों में जलभराव, पुस्ता ढहने और मकानों के क्षतिग्रस्त होने जैसी घटनाएं सामने आईं।बागेश्वर जनपद में सामान्य वर्षा 146.3 मिमी मानी जाती है, जबकि इस वर्ष जून में 573.1 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो सामान्य से 292 प्रतिशत अधिक है। इसी प्रकार, चमोली जनपद में 316.4 मिमी वर्षा दर्ज हुई, जो सामान्य (104.7 मिमी) से 202 प्रतिशत अधिक है। टिहरी गढ़वाल में भी वर्षा ने रिकॉर्ड तोड़ा है। सामान्य 129.5 मिमी के मुकाबले वहां 239.9 मिमी वर्षा दर्ज की गई, जो 85 प्रतिशत अधिक है।
देहरादून में आज भी भारी वर्षा के आसार
मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार आज भी देहरादून, उत्तरकाशी, टिहरी, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, नैनीताल और बागेश्वर में भारी बारिश को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। शेष जिलों में भी गरज-चमक के साथ तीव्र वर्षा के दौर हो सकते हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और निचले इलाकों में बाढ़ को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी गई है। चारधाम व यात्रा मार्गों पर भी वर्षा के तीव्र दौर हो सकते हैं।
