बच्चों से भरी स्कूल वैन पलटी, SP ने अस्पताल में पहुंचकर देखा घायलों का हाल
Summary
Spread the love प्रयाग भारत, मैनपुरी : सुबह 16 बच्चों को स्कूल लेकर आ रही वैन अनियंत्रित होकर कोतवाली क्षेत्र के गांव करेड़ाहार के सामने रजबहा किनारे अनियंत्रित होकर पलट गई। वैन पलटते ही बच्चों में चीख-पुकार मच गई। सूचना […]
More On prayagbharat
- सीएम धामी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ड्रग्स फ्री उत्तराखंड अभियान को बृहद स्तर पर संचालित किया जाए
- बदमाशों ने दिनदहाड़े होटल कारोबारी की बेटी को बंधक बनाकर की लूट
- श्री श्याम होम्स कालोनी के पीड़ित परिवारों के साथ नहीं होगा अन्याय: विकास शर्मा
- सीएम धामी केन्द्रीय नेताओं से मुलाकात कर मंत्रिमंडल के विस्तार और राज्य की राजनीतिक दिशा पर करेंगे चर्चा
- जमीन हेराफेरी के नाम पर 1.5 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी

प्रयाग भारत, मैनपुरी : सुबह 16 बच्चों को स्कूल लेकर आ रही वैन अनियंत्रित होकर कोतवाली क्षेत्र के गांव करेड़ाहार के सामने रजबहा किनारे अनियंत्रित होकर पलट गई। वैन पलटते ही बच्चों में चीख-पुकार मच गई। सूचना पाकर सीओ सिटी मौके पहुंचे। जहां उन्होंने हादसे में घायल तीन बच्चों को इलाज के लिए जिला अस्पताल भिजवाया। एसपी ने भी अस्पताल पहुंच घायल बच्चों का हाल जाना। वहीं इलाज के बाद बच्चों को घर भेज दिया गया है।
नगर के मुहल्ला श्रृंगार नगर स्थित संत रामानुज स्कूूल की वैन रोजाना की तरह मंगलवार की सुबह साढ़े सात बजे के करीब करीब 16 वच्चों को लेकर सिंहपुर नहर पुल होते हुए श्रंगारनगर की ओर आ रही थी। जब वैन कोतवाली क्षेत्र के गांव करेड़ाहार के सामने गुजरे रजबहा किनारे पहुंची। वैन पलटते ही उसमें सवार बच्चों में चीख-पुकार मच गई।
तीनों घायल बच्चों को जिला अस्पताल भेजा
हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे सीओ सिटी संतोष कुमार सिंह ने आसपास के ग्रामीणों की मदद से वैन में दबे बच्चों को बाहर निकलवाया। हादसे में उपेंद्र यादव का आठ वर्षीय असित, यतेंद्र का चार वर्षीय पुत्र मयंक, रवि का पांच वर्षीय पुत्र रिहांश निवासी गांव अंगौथा नगरिया घायल हो गए। तीनों घायल बच्चों को तत्काल जिला अस्पताल भिजवाया गया।
एसपी ने घायल बच्चों का जाना हाल
घटना की सूचना मिलते ही एसपी गणेश प्रसाद साहा, एएसपी नगर अरुण कुमार सिंह ने जिला अस्पताल पहुंचकर घायल बच्चों के स्वास्थ्य की जानकारी ली। वहीं बच्चों के अभिभावक भी अस्पताल पहुंच गए। जहां इलाज के बाद बच्चों को घर भेज दिया गया है।